Uttarakhand

देहरादून – प्रदेश के हजारों शिक्षक इन दिनों शासन प्रशासन से खाते नाराज चल रहे हैं । दरअसल इस बार शिक्षको की नाराजगी की वजह प्रधानाचार्य के पदों पर विभागीय सीधी भर्ती है । जिसके विरोध में आज पूरे प्रदेश में कई शिक्षकों ने चॉक डाउन कर कार्य बहिष्कार किया। साथ ही शिक्षकों ने प्रदेश सरकार को चेतावनी भी दी है कि प्रधानाचार्य के पदों पर विभागीय सीधी भर्ती के फैसले को सरकार ने वापस नही दिया तो आगे भी वो अपने विरोध में कार्य बहिष्कार जारी रखेंगे ।

यहां आपको बता दें कि प्रदेश के हजारों शिक्षकों की यह मांग है कि प्रधानाचार्य के पढ़ पर सीधी भर्ती रद्द कर पदोन्नति से प्रधानाचार्य के शत प्रतिशत पद भरे जाने चाहिए। सरकार द्वारा की जा रही ये सीधी भर्ती प्रदेश के शिक्षकों के साथ अन्याय है ।

कार्य बहिष्कार कर रहे शिक्षकों का ये भी कहना है कि छठे वेतन आयोग में प्रावधान था कि अब शिक्षक प्रशासनिक संवर्ग में नहीं जाएंगे और पदोन्नति के दो स्तर प्रधानाध्यापक, प्रधानाचार्य के पद शत प्रतिशत पदोन्नति के रहेंगे। लेकिन शिक्षक संगठनों के विरोध के बावजूद सरकार ने सीधी भर्ती के लिए लिखित परीक्षा की तैयारी कर ली। इतना ही नही 04 दिसंबर 2023 को राजकीय शिक्षक संघ का शिक्षा महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा की अध्यक्षता में जो समझौता हुआ था, उस पर भी अमल नहीं हुआ जो की सरासर शिक्षकों के साथ नाइंसाफी है ।

यहां आपको ये भी बता दें कि जहां प्रदेश के हजारों शिक्षक प्रधानाचार्य के पद पर सीधी भर्ती के विरोध में कार्य बहिष्कार कर रहे हैं । तो वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के सरकारी विद्यालयों के कुछ प्रवक्ताओं ने प्रधानाचार्य के पद पर विभागीय सीधी भर्ती का समर्थन भी किया है। जिसे लेकर प्रवक्ताओं का तर्क ये कि प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य के 80 प्रतिशत पद खाली हैं। ऐसे में छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए यदि इसी महीने 29 सितंबर को रही लिखित परीक्षा से इन पदों को भरा जाता है तो इसमें कोई बुराई नज़र नही आती ।

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